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विनोद कापड़ी की नई फिल्म 'चिता' ने अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में मचाई धूम

 विनोद कापड़ी की नई फिल्म 'चिता' ने अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में मचाई धूम


राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता निर्देशक विनोद कापड़ी की नवीनतम फिल्म 'चिता' (Pyre) ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी शानदार शुरुआत की है। यह फिल्म तालिन ब्लैक नाइट्स फिल्म फेस्टिवल (Tallinn Black Nights Film Festival) में वर्ल्ड प्रीमियर के लिए चुनी गई है। यह फेस्टिवल उत्तरी यूरोप का एक प्रतिष्ठित फिल्म महोत्सव है, जहां दुनियाभर से चुनी गईं बेहतरीन फिल्में प्रदर्शित की जाती हैं।


विनोद कापड़ी की नई फिल्म 'चिता' ने अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में मचाई धूम


फिल्म की कहानी: एक सच्चे प्रेम की दास्तान


'चिता' उत्तराखंड के एक छोटे से गाँव की पृष्ठभूमि पर आधारित है। यह फिल्म एक बुजुर्ग दंपत्ति की सच्ची प्रेम कहानी पर केंद्रित है, जो समाज के कठोर मानदंडों और जीवन के संघर्षों के बीच अपने रिश्ते को संजोए रखते हैं। फिल्म की कहानी को वास्तविकता के करीब लाने के लिए निर्देशक ने गैर-पेशेवर अभिनेताओं को चुना है। इसमें पदम सिंह और हीरा देवी ने मुख्य किरदार निभाए हैं, जो उत्तराखंड के ही स्थानीय निवासी हैं।

निर्माण की चुनौतियां और टीम


विनोद कापड़ी और उनकी पत्नी साक्षी जोशी ने इस फिल्म को अपने प्रोडक्शन हाउस भागीरथी फिल्म्स के तहत स्वतंत्र रूप से निर्मित किया है। फिल्म की शूटिंग के दौरान उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उनकी प्रतिबद्धता ने इसे पूरा किया। खास बात यह है कि फिल्म के लिए ऑस्कर विजेता संगीतकार माइकल डैना (Mychael Danna) ने संगीत तैयार किया है और गुलजार साहब ने गीत लिखे हैं, जिससे फिल्म की गुणवत्ता और भी बढ़ गई है।

अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारतीय सिनेमा की पहचान


'चिता' ने अपनी वास्तविकता और दिल छू लेने वाली कहानी के माध्यम से पहले ही बहुत से दर्शकों का दिल जीत लिया है। यह फिल्म न केवल भारतीय सिनेमा की विविधता को प्रस्तुत करती है, बल्कि उन कहानियों को भी सामने लाती है, जो अक्सर मुख्यधारा के सिनेमा में अनसुनी रह जाती हैं।


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क्या कह रहे हैं समीक्षक?


फिल्म की स्क्रीनिंग के बाद से समीक्षकों द्वारा इसकी जमकर तारीफ हो रही है। फिल्म में उत्तराखंड के ग्रामीण जीवन की सुंदरता और कठिनाइयों को बखूबी दर्शाया गया है, जो दर्शकों को एक अनोखे सफर पर ले जाती है। इसे 2025 के अंत तक भारतीय सिनेमाघरों में रिलीज करने की योजना है।

निष्कर्ष


विनोद कापड़ी की 'चिता' भारतीय सिनेमा में एक नई लहर ला सकती है, जो दर्शकों को समाज की सच्चाइयों से रूबरू कराने के साथ-साथ मनोरंजन भी प्रदान करती है। यह फिल्म निश्चित रूप से उन लोगों के लिए एक प्रेरणा है, जो सीमित साधनों के बावजूद बड़ी कहानियां कहने का सपना देखते हैं।

आगे की जानकारी के लिए बने रहें और देखिए 'चिता' जब यह आपके नजदीकी सिनेमाघरों में रिलीज हो।

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