पहाड़ों में ऑफ़िस
उत्तराखंड का डिजिटल नोमैड विलेज आपको देवदार की छाँव में वर्क-फ्रॉम-होम का न्योता देता है।
कल्पना कीजिए…
सुबह की चाय के साथ धूप में भीगे देवदार, लैपटॉप पर आपकी सुबह 9 बजे की मीटिंग चल रही है, और बैकग्राउंड में बस पक्षियों की आवाज़। कोई ट्रैफ़िक नहीं, कोई क्यूबिकल नहीं—बस आप और हिमालय।
“जब नौकरी आपको जहाँ भी ले जा सकती है, तो वहाँ क्यों न पहाड़ हों?”
कहानी एक ई-मेल से शुरू हुई
पिछले हफ्ते मुझे उत्तराखंड टूरिज़म का ई-मेल आया—विषय था “Digital Nomad Village Pilot 2025”। मैंने सोचा, ये कोई नया रिज़ॉर्ट पैकेज होगा, पर जब पढ़ा तो पता चला ये तो भविष्य की नौकरी का पता है।
दो गाँव—एक देहरादून के पास, दूसरा हल्द्वानी के—इन्हें हाई-स्पीड इंटरनेट, को-वर्किंग स्पेस और सस्ते होम-स्टे से लैस किया जा रहा है। मतलब, आपका अगला ऑफिस “देवप्रयाग” भी हो सकता है।
उत्तराखंड vs शहरी ज़िंदगी – एक झलक
मापदंड | दिल्ली | उत्तराखंड विलेज |
---|---|---|
किराया (1 BHK) | ₹18,000 | ₹5,000 |
इंटरनेट स्पीड | 100 Mbps | 150 Mbps (Starlink) |
AQI | 250+ | 40 |
दिमागी शांति | ❌ | ✅ |
मैंने 7 दिन वहाँ गुज़ारे—क्या मिला?
- 5 घंटे की deep-work—कोई “भाई थोड़ी मदद कर दो” नहीं।
- ₹400/दिन का होम-स्टे—छत पर तारे देखते हुए सोना।
- स्थानीय दादी का सेब का मुरब्बा—GIF से मीठा अनुभव।
अगर आप भी एक हफ्ते का “workation” प्लान कर रहे हैं, तो यहाँ चेकलिस्ट दी है।
पहाड़ से WFH करने की चेकलिस्ट
- Starlink या JioFiber की उपलब्धता चेक करें।
- को-वर्किंग स्पेस पहले से बुक करें (₹200/दिन)।
- रेन-जैकेट + पावर-बैंक—मौसम unpredictable है।
- स्थानीय SIM लें, नेटवर्क बूस्टर के लिए।
- ऑफिस को बताएं—“मेरा नया टाइम-ज़ोन IST + शांति है।”
अगली सुबह आपका ऑफिस हिमालय हो सकता है
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